Shiv chaisa - An Overview
Shiv chaisa - An Overview
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
O Lord! I beseech Your enable and seel your divine blessing at this really second. Help you save and safeguard me. Damage my enemies with the Trishul. Release me within the torture of evil views.
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर Shiv chaisa । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर shiv chalisa lyricsl मध्य कमल हैं जैसे॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।
किया उपद्रव तारक भारी। देवन Shiv chaisa सब मिलि तुमहिं जुहारी॥